5 minute short film script in Hindi

आजकल, कुछ ही समय में कुछ संदेश देने के लिए शॉर्ट फिल्म एक बढ़ती हुई ट्रेंड बन रहे हैं। इन फिल्मों को देखने के लिए अनुवर्ती या अन्य निर्माताओं के विविध माध्यम होते हैं, लेकिन फिल्म की लंबाई कम समय के कारण उनका उत्पादन भी कम खर्चीला होता है। यदि आप भी इस प्रकार के एक शॉर्ट  फिल्म की स्क्रिप्ट तलाश कर रहे हैं, तो यहां हम आपके लिए एक 5 मिनट के छोटे फिल्म स्क्रिप्ट लेकर आए हैं।

5 minute short film script in Hindi

फिल्म का नाम: “दो रास्ते”
शॉट नंबर 1:
एक युवक और एक युवती एक रास्ते पर खड़े होते हैं। युवती की स्कूल बस खड़ी है, जबकि युवक की गाड़ी खड़ी है।
शॉट नंबर 2:
युवती युवक के पास जाती है और उसे बताती है कि उसकी स्कूल बस कब तक आएगी। युवक उसे बताता है कि वह उसे नहीं जानता है।
शॉट नंबर 3:
उनमें से एक बाइक पर बैठ जाता है और उसे स्कूल तकपहुँचने के लिए उसकी सहायता करने का प्रस्ताव देता है। युवती उसका धन्यवाद करती है और उसके साथ बाइक पर बैठ जाती है।
शॉट नंबर 4:
युवती बाइक पर बैठते हुए खुश दिखती है। उन्हें उस युवक पर भरोसा होता है जिसने उसे मदद की पेशकश की है।
शॉट नंबर 5:
बाइक पर बैठते हुए युवती के चेहरे पर एक अचानक से उदास अंदाज आता है। युवक उससे पूछता है कि क्या बात है। युवती उसे बताती है कि उसकी माँ बीमार है और उसे अस्पताल ले जाने के लिए कोई नहीं है।
शॉट नंबर 6:
युवक उसे बताता है कि वह भी अस्पताल जाना चाहता है और उसे अपनी गाड़ी में बैठाकर ले जाने का प्रस्ताव देता है। युवती धन्यवाद करती है और उसकी प्रस्ताव को स्वीकार करती है।
शॉट नंबर 7:
युवती और युवक बाइक से उतरते हैं और उसकी गाड़ी में बैठते हैं। युवती उसे बताती है कि वह उसकी जिंदगी में एक स्थायी दोस्त बन गया है।
शॉट नंबर 8:
गाड़ी अस्पताल पहुँचती है और युवती उसे धन्यवाद करती है और गाड़ी से उतरती है।
शॉट नंबर 9:
युवती अस्पताल में अपनी माँ के पास जाती है और उसे बताती है कि उसे किसी युवक ने मदद की है।
शॉट नंबर 10:
अंतिम शॉट में, युवक बाइक से दूर चला जाता है और उसके चेहरे पर एक खुशी का अंदाज होता है।

The End !

यह 5 मिनट की शॉर्ट फिल्म एक संघर्षमय जीवन से संबंधित एक दिलचस्प कहानी है। यह एक महान दोस्ताना वातावरण के साथ आधुनिक समाज में सहायता का महत्व बताती है।

5 minute short film script in Hindi (2nd)

Title:
एक अनोखी मुलाकात (An Unusual Encounter)
फ़ेहरिस्त जगह पर सड़क के किनारे एक छोटी सी चाय की दुकान है। यहाँ की चाय की खुशबू हर एक गुज़रते हुए की नाक में घुसती है। चाय की खुशबू से आकर्षित हुए एक आदमी दुकान के पास पहुँचा जो इस दुकान का मालिक था।
दुकानदार:
क्या आपको चाय चाहिए साहब?
आदमी:
हां, दो चाय देना।
दुकानदार ने चाय दोनों गिलास दिए और आदमी ने एक गिलास लिया। दोनों गिलास अभी गरम थे।
आदमी:
कितने का है दोनों गिलास?
दुकानदार:
20 रुपये साहब।
आदमी ने एक नोट 50 रुपये का दुकानदार को दिया।
दुकानदार:
साहब छूट करोगे?
आदमी:
नहीं, आप रख लो।
दुकानदार ने गिलास और 30 रुपये वापस किए। आदमी ने चाय पी कर दुकानदार को दिया।
आदमी:
आप कहाँ से हो?
दुकानदार:
मैं यहाँ से ही हूँ। आपको कहाँ जाना है?
आदमी:
नहीं, मैं बस इस शहर में कुछ दिनों के लिए आया हूँ।
दुकानदार:
कैसी है।
आदमी:
शहर बहुत अच्छा है। और आपकी चाय भी बहुत स्वादिष्ट है।
दुकानदार:
धन्यवाद साहब। मुझे यहाँ अपने ग्राम में अपनी दुकान थी। पर अब यहाँ रहता हूँ।
आदमी:
क्यों बदल गए?
दुकानदार:
मेरी बेटी के शादी हो गई। उसने शहर में एक डॉक्टर से प्यार किया था। और जब वो शादी के बाद यहाँ आई तो मुझे उसके साथ रहने का फैसला करना पड़ा।
आदमी:
अच्छा। मैं भी अपनी बेटी के साथ हूँ।
दुकानदार:
अच्छा है। बेटी हमेशा खुश रहती है तो बाप खुश रहता है।
दुकानदार की बातों से आदमी को अचानक उनकी याद आई। आदमी ने एक कागज निकाला और उसमें कुछ लिखा।
आदमी:
आपके लिए एक छोटा सा उपहार है।
दुकानदार ने कागज लिया और पढ़ा – “मुझे अपने बेटे से एक साल से बात नहीं हुई है, आपने अपनी दुकान में मुझे चाय पिलाकर मुझे याद दिलाया कि जिंदगी अनमोल होती है। धन्यवाद और शुभकामनाएं।”
दुकानदार को इस कागज से बहुत खुशी हुई। उन्होंने आदमी को धन्यवाद कहा और फिर उन्होंने अपने दुकान से एक छोटा सा गुलाब का फूल निकाला और उसे आदमी को दिया। कागज से बहुत खुशी मिली। वो उस आदमी को धन्यवाद बोलकर एक जड़ी बूटी उठाकर दिखाते हैं और कहते हैं – “ये जड़ी बूटी मेरे बेटे ने मुझे दी थी। मुझे आपका उपहार बहुत अच्छा लगा। आपको भी इसका एक टुकड़ा देता हूँ।”आदमी को भी यह समझ में आया कि जिंदगी के हर पल में खुशी होती है और कभी-कभी छोटी-छोटी चीजों से हमें बड़ी खुशी मिलती है। दुकानदार ने अपनी दुकान से उठते हुए आदमी को अगली बार फिर से चाय पिलाने के लिए बोला। आदमी ने भी हाँ कह दी। दोनों मुस्कुराते हुए दुकान से बाहर निकल गए।

The End !

इससे साबित होता है कि छोटी-छोटी चीजों से हमारी जिंदगी में खुशी मिलती है और हमें सदा खुश रहना चाहिए। इससे हमें एक महत्वपूर्ण सीख मिलती है कि हमें लम्बी-लम्बी बातें करने की जगह छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना चाहिए।

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