Choreography एक कला है जिसके मदद से बॉडी के मूवमेंट को एक सीक्वेंस
में डिज़ाइन किया जाता है। अगर आसान भाषा में बात करें तो कोरियोग्राफी सीधा नृत्य
से सम्बंधित है नृत्य कला को डिज़ाइन करना कोरियोग्राफी कहलाता है। और इस प्रक्रिया को
कोरियोग्राफिंग कहते हैं |
जो Choreography करते हैं उसे Choreographer कहते हैं।
Use of Choreography
Table of Contents
कोरियोग्राफी काफी सारे फील्ड में इस्तेमाल होता है जैसे- म्यूजिकल थिएटर, चीयर-लेडिंग,
जिमनास्टिक्स, फैशन -शो, सिनेमेटोग्राफी, आइस-स्केटिंग,थिएटर।
यहाँ तक की इसका इस्तेमाल वीडियो गेम प्रोडक्शन कंपनी में भी होता है। जहाँ एनिमेटेड
कैरेक्टर इस्तेमाल होता है वहाँ ह्यूमन मूवमेंट को Motion Capture टेक्निक के मदद से
कैप्चर कर के उसके एनीमेशन को वीडियो गेम कैरेक्टर में अप्लाई किया जाता है।
अगर कोई कहानी को नृत्य-कला के माध्यम से प्रदर्शित करना हो तो वहाँ पे Choreography
का इस्तेमाल होता है |
कोरियोग्राफर उस के कहानी हिसाब से डांस के स्टेप और बॉडी के मूवमेंट को डिज़ाइन करता है ।
आर्टिस्ट का ड्रेस, आर्टिस्ट की क्या पोजीशन,एक्सप्रेशन क्या होगी होगी ये सभी चीजों को
कोरियोग्राफर अपने हिसाब से तय करता है
कोरियोग्राफी कैसे सीखें
- The ITA School of Performing Arts, Mumbai
- Institute for Creative Excellence, Chandigarh
- Sangeet Natak Academy, New Delhi
- Natya Institute of Khatak and Choreography, Bangalore
- Shiamak Davar Institute for Performing Art, New Delhi
ये स्कूल हैं इंडिया में जो बहुत अच्छे हैं और वहाँ से कोरियोग्राफी सीखी जा सकती है।
ये एक ऐसी कला है जिसमे सेल्फ-लर्निंग, प्रैक्टिस और ऑब्जर्बेशन सबसे ज्यादा महत्पूर्ण है।
काफी ऐसे प्लेटफार्म है जहाँ से ऑनलाइन बेसिक ट्रेनिंग ली जा सकती है पर कला प्रदर्शन एक
ऐसा जॉब है जिसको प्रैक्टिकली ही सीखी जा सकती है तो ऑनलाइन में सिर्फ एक आईडिया
मिल सकता है वहीं ऑफलाइन स्कूल की बात करें तो वहाँ पे प्रैक्टिकल सिखने का मौका मिल
सकता है ।
Tips For Choreographer
प्रत्येक डांसर्स और कोरियोग्राफर को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से फिट रहना जरुरी
होता है। उन्हें प्रॉपर एक्सरसाइज और एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना होता है उन्हें
फिट रहने के अलावा नए-नए मूवमेंट भी सीखना होता है।
वैसे तो Choreography में मास्टर डिग्री कोर्स भी उपलब्ध है पर कोई भी कला में डिग्री मायने नहीं रखता है
आर्टिस्ट को वो कला आना जरूरी होता है और वैसे ही कोरियोग्राफी में भी नृत्य-शैली, और
निर्त्य-कम्पोजीशन आना जरूरी होता है।
Career And Opportunities in Choreography
अगर कैरियर की बात करें तो Choreography का डिमांड कला के क्षेत्र में काफी ज्यादा है चाहे वो नृत्य
हो या योगा के क्षेत्र हो या फिर फिल्म की बात करें हर जगह कोरियोग्राफर का डिमांड रहता है।
सिनेमा इंडस्ट्री में Choreography का सबसे ज्यादा डिमांड रहता है। हैं। यहां तक की ड्रेसिंग का
सेलेक्शन भी कोरियोग्राफर की मदद से किया जाता है ।
choreography से जुड़ा एक शब्द इस्तेमाल में आता है डांस-कोरियोग्राफी।
डांस-कोरियोग्राफी का मतलब होता है निर्त्य-कला के अभिनय को डिज़ाइन करना।
इसको कभी-कभी डांस-कम्पोजीशन भी बोला जाता है। नृत्य-कला के जो भी पहलु
हैं उन सब को Choreographer डिज़ाइन करता है और इस प्रक्रिया को डांस-कोरियोग्राफी बोला जाता है।
Choreography सिखने के बाद डांस टीचर के तौर पे करियर बना सकते हैं ।जिम्नास्टिक , योगा-टीचर
ये सभी क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं ।
Choreography कितने प्रकार के होते हैं
कोरियोग्राफी दो प्रकार की होती है ।
- Improvisation choreography
- Planned choreography
Improvisation choreography के अंदर डांसर को कुछ सामन्य निर्देश दिए जाते हैं और
कुछ मूवमेंट डांसर्स खुद से भी करते हैं ।
Planned Choreography के अंदर सारे मूवमेंट नियोजित ढंग से की जाती है उसमे कुछ भी
खुद से नहीं करना होता है ।
कोरियोग्राफी से आप क्या समझते हैं?
कोरियोग्राफी शब्द का शाब्दिक अर्थ है “नृत्य लेखन।” होता है | यह एक नृत्य कला को डिज़ाइन करने की प्रक्रिया है।
कोरियोग्राफी में, नृत्यकला नृत्यों को डिजाइन करने का कार्य होता है। कोरियोग्राफर स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं, लेकिन वे अक्सर अन्य नर्तकियों, संगीतकारों और डिजाइनरों के साथ भी सहयोग करते हैं।
कोरियोग्राफी नृत्य बनाने की कला है।
नृत्य में कोरियोग्राफी कितनी महत्वपूर्ण है?
नृत्य में कोरियोग्राफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संगीत का एक visual representation बनाने में मदद करता है। इसका उपयोग कहानी सुनाने या संदेश देने के लिए भी किया जा सकता है।
कोरियोग्राफी के 3 elements क्या हैं?
कोरियोग्राफी के तीन elements time, space और energy हैं।
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