फिल्म-निर्माण में double role शूट करने के लिए कई तरीको का उपयोग किया जाता है |
ये पूरी तरह से फिल्म के बजट पे निर्भर करता है और एक्टर के टैलेंट पे निर्भर करता है साथ ही साथ
फिल्म निर्देशक के फिल्म-निर्माण कला के ऊपर भी निर्भर करता है वो किस तरह से कौन से सीन को
शूट करना चाहते हैं |
double role क्या होता है
Table of Contents
फिल्म में दो करैक्टर एक जैसे दीखते हैं यानि फिल्म में कोई जुडवा भाई हो या जुडवा बहन हो तो उस सीन
को एक ही एक्टर शूट करता है तो उसे double role कहते हैं |
कुछ फिल्मे ऐसी भी है जिनमे बाप बेटे का किरदार एक ही एक्टर के द्वारा निभाया गया है उसको भी
डबल रोल ही बोलते हैं | निचे कुछ फिल्मों के लिस्ट दी गई जिसमे एक ही एक्टर के द्वारा दो किरदार
को निभाया गया है |
- Apoorva Sagodharargal
- Don
- Indian
- Ram Aur Shyam
- Anniyan
- Seeta Aur Geeta
- Chaalbaaz
- Hum Dono
- Angoor
- Judwaa
- Dasavatharam
- Dasavatharam
- Baahubali 2: The Conclusion
- Baahubali: The Beginning
- Dhoom 3
डबल रोल शूट करना ज्यादा कठिन नहीं है लेकिन एक्टर को काफी ज्यादा मेहनत करनी होती है |
फिल्म में जो भी दो किरदार होती है भले ही उसका रंग रूप एक जैसे दिखाया गया हो लेकिन दोनों
किरदार में कुछ विभिन्ताएं भी होती है जो की एक्टर को दोनों किरदार की शूटिंग करते समय उस
चीज को ध्यान में रखना होता है |
जैसे अगर कसी फिल्म में एक ही एक्टर पिता और बेटे के किरदार को निभा रहा है तो उस सीन में
चेहरा तो दोनों का थोड़ा बहुत समान होगा लेकिन करैक्टर एकदम से अलग होंगे |
उदाहरण के लिए फिल्म Sooryavansham (1999 ) तो अपने देखा होगा | इस फिल्म में अमिताभ बच्चन
ने दो किरदार निभाये हैं | इस फिल्म में वो एक पिता और बेटे दोनों का किरदार निभाए हैं |
फिल्म में दोनों किरदार का बॉडी स्ट्रक्चर, बोलने और चलने की शैली और उसके साथ ही ATTITUDE काफी
अलग है ,इस तरह की फिल्मों में एक्टर को काफी ज्यादा मेहनत करनी होती है |
double role सीन कैसे शूट करते हैं
डबल रोल सीन कई तरीके से शूट कर सकते हैं –
Method -1 (double role shooting process)
किसी भी एक्टर का डुप्लीकेट ढूंढा जाता है और उस डुप्लीकेट के सामने किरदार बदल- बदल कर दोनों
सीन को शूट कर लिया जाता है और बाद में एडिटिंग के समय दोनो को एक साथ कर दिया जाता है |
मन लें, किसी सीन में पिता और बेटे का किरदार एक ही एक्टर से डबल रोल शूट करवाना है तो वैसी परिस्थिति
में एक्टर अगर पहले पिता का किरदार शूट करना चाहता है तो डुप्लीकेट को बेटे के किरदार में रखा जाता है |
डुप्लीकेट के सीन को फिल्म में नहीं रखा जाता है वो बस रेफेरेंस के लिए लिया जाता है |
अगले सीन में जब एक्टर बेटे का किरदार की शूटिंग करता है तो उस समय डुप्लीकेट को पिता के किरदार में
सामने रेफ़्रेन्स के लिए रखा जाता है |
बाद में एडिटिंग के समय डुप्लीकेट के सीन को काट कर के हटा दिया जाता है और डबल रोल सीन को एक
साथ एडिट कर दिया जाता है |
डबल रोल शूट करने के लिए एक किरदार की जितनी सीन होती है सब की शूटिंग पहले कर ली जाती है और बाद में
फिर दूसरे किरदार की सीन शूट की जाती है |
इसकी वजह ये है की दोनों किरदार के शरीर का भार और मेकअप अलग -अलग होता है इसी लिए एक
बार में एक किरदार की सभी सीन शूट कर के फिर दूसरा किरदार का शूटिंग किया जाता है|
Method -2
एक्टर बिना किसी डुप्लीकेट के डबल रोल करता है | इस तरह के सीन को शूट करना एक्टर के लिए थोड़ा
सी मुश्किल होता है |
इसमें एक्टर एक किरदार को बिना किसी रेफ़्रेन्स को शूट करता है और उसके बाद ठीक वैसे ही अकेले दूसरे
किरदार को निभाता है और बाद में दोनों सीन को एडिटिंग के समय एक साथ कर दिया जाता है |
जब एक ही फ्रेम में और एक ही शॉट में दोनों करैक्टर को दिखाना हो तब इस तरह से शूटिंग की जाती है |
डबल रोल में अगर दोनों किरदार अलग-अलग फ्रेम में है तो उस सीन को शूट करने में उतनी मेहनत नहीं
लगती है |
लेकिन, जब दोनों किरदार को एक साथ दिखाना हो तो सीन को शूट करने में थोड़ी कठिनाई होती है |
अगर एक्टर टैलेंटेड है तो कोई भी तरीका का इस्तेमाल कर के आप डबल रोल शूट कर सकते हैं |
Method -3
डबल रोल सीन में एक किरदार दूसरे किरदार को फिजिकल टच नहीं कर सकता है | अगर कोई सीन इस तरह
से डिज़ाइन किया हुआ है की दोनों किरदार को फिजिकल टच करते हुए दिखाना है तो उसमे टेक्नोलॉजी का मदद
लेना हो सकता है |
ग्रीन स्क्रीन टेक्नोलॉजी के मदद से एक किरदार को दूसरे किरदार के साथ फिजिकल टच वाला सीन भी डबल
रोल के साथ शूट किया जा सकता है लेकिन इसमें भी एक शर्त ये है की कैमरा मूवमेंट नहीं होना चाहिए |
कैमरा अगर स्थिर है तो आसानी से डबल रोल में भी फिजिकल टच दिखा सकते हैं |
अगर कैमरा मूवमेंट होता है तो double role में फिजिकल टच दिखाने के लिए फिर visual effects का इस्तेमाल
करना पर सकता है | हॉलीवुड फिल्मों में इस तरह से शूटिंग ज्यादा होती है इसमें CGI करैक्टर डिज़ाइन करना
होता है और फिर उसको लाइव एक्शन सीन के साथ कम्पोज़िटिंग कर दिया जाता है |