Animation kya hai ?
कई इमेज को एक साथ एक sequance में एक निश्चित समय अंतराल पर स्क्रीन पे प्रेजेंट करना
Animation कहलाता है |
Animation कई छवियों को मिलाकर एक फिल्म या वीडियो बनाने का एक तरीका है।
एनीमेशन में एक इमेज के बाद दूसरे इमेज को स्क्रीन पर रखा जाता है और
उस सभी इमेज को एक निश्चित समय अंतराल 24FPS से चलाया जाता है
24FPS का मतलब होता है एक सेकंड में 24 इमेज स्क्रीन पे प्ले होगा |
1 Frame =1 Still image
Animation कितने प्रकर की होती हैं |Types Of Animation
Table of Contents
Animation कई प्रकार के होते हैं
- Traditional Animation
- 3D Animation
- Motion Graphics
- 2D Animation (Vector-based)
- Stop Motion
1. Traditional Animation kya hai
फिल्म में एनीमेशन के सबसे पुराने रूपों में से Traditional Animation एक है। इसे
cel animation भी कहा जाता है। पारंपरिक एनीमेशन में, celluloid transparent paper
पे object draw किया जाता है और उसे एक सीक्वेंस में एनिमेट किया जाता है |
Traditional Animation में Animator हरेक Frane को Draw करता है |
Traditional एनीमेशन में एक-एक फ्रेम को कैमरा से पिक्चर क्लिक कर के फिर उसको
एक सीक्वेंस में वीडियो कम्पोज़िटिंग सॉफ्टवेयर के मदद से वीडियो के रूप में तैयार
किया जाता है |
2. 2D-Animation kya hai
वहीं अगर 2D -एनीमेशन की बात करे तो इसमें two-dimensional स्पेस में एनीमेशन तैयार किया
जाता है 2-डाइमेंशन में ही इफेक्ट्स,बैकग्राउंड, और कैरेक्टर की मदद से Animated फिल्म बनाया
जाता है । 2D एनीमेशन मुख्य रूप से 2D गेम और फिल्म में इस्तेमाल होता है।
Types Of 2D Animation
अलग-अलग Drawing को एक क्रम में एक निश्चित समय अंतराल के साथ चलाया जाता है
तो वो फिल्म या वीडियो 2D-एनीमेशन के कैटेगरी में आता है। जैसे (24 fps) 24 फ्रेम/सेकंड के हिसाब से
अगर कोई एनीमेशन बनाना है तो हमें 24 ड्राविंग को एक क्रम में 1 सेकंड के अंदर स्क्रीन पे दिखाना होगा।
इसी तरह से आगे जितने समय के वीडियो बनाना हो उसी हिसाब से उतने इमेज का जरूरत हो सकता है।
- DRAWING BASED ANIMATION :
Traditional Animation सामान्यतः 2D एनीमेशन ही होता है लेकिन इसमें एनिमेटर
एक-एक पेज पे करैक्टर के मूवमेंट को एक-एक Draw करता है और उसे flipbook के तरह
Present करता है |
- SOFTWARE BASED ANIMATION :
काफी सारे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जिसके मदद से आसानी से कंप्यूटर में करैक्टर
डिज़ाइन और एनीमेशन किया जा सकता है |
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के मदद से एनीमेशन फिल्म बनाना Traditional Animation से आसान है
और इसको कम्पोजिट करना बैकग्राउंड तैयार करना कलर vocie over सब कंप्यूटर सॉफ्टवेयर में
ही कर लिया जाता है |
2D-सॉफ्टवेयर के अंदर 2D ग्राफ़िक्स तैयार किया जाता है उसमे बैकग्रॉउंड ,कैरक्टर,
और इफेक्ट्स को तैयार कर के फिर 2D Animation Software की मदद से एनीमेशन किया जाता है।
फिल्म ही नहीं बल्कि काफी सारे 2D-Game हैं उसमे 2D-एनीमेशन का इस्तेमाल हुआ है।
वही अगर वफ इंडस्ट्री की बात करे तो मोशन ग्राफ़िक्स इफेक्ट्स में 2D-एनीमेशन का प्रयोग होता है|
2D Animation Softwares
ये कुछ 2D-एनीमेशन सॉफ्टवेयर है जिसमे 2D-एनीमेशन तैयार किया जाता है।
चाहे गेम हो या सिनेमा बिना एनीमेशन के कुछ भी संभव नहीं है यहाँ तक की सिनेमा का
जो Intro होता है जिसमे Title दीखते हैं वो भी एनीमेशन के मदद से ही तैयार होता है।
- Toon Boom Harmony
- CelAction2D
- Adobe Character Animator
- Adobe Flash
3. 3D-Animation kya hai
3D-एनीमेशन पूर्णरूप से कंप्यूटर जेनेरेटेड इमेजरी (CGI) के मदद से बनाया जाता है।
मतलब की इसमें बैकग्राउंड ,फोरग्राउंड ,ऑब्जेक्ट ,कैरेक्टर जो भी चीजे एनीमेशन के
लिए इस्तेमाल होती हैं वो पूरी तरह कंप्यूटर 3D सॉफ्टवेयर में तैयार किया जाता हैं ।
काफी सारे मोबाइल-गेम, कम्पुटर-गेम हैं जो 3D होते हैं उनमे जो एनीमेशन होता है वो 3D- एनीमेशन
होता है। वही VFX- फिल्म की बात करे तो उसमे भी 3D-Animation की मदद से कैरेक्टर और इफेक्ट्स
तैयार किया जाता है। आज के समय में बिना 3D-एनीमेशन के कोई भी 3D गेम या फिर फिल्म नहीं बनाया जाता है।
3D-Animation Softwares
ये सारे 3D-Software है जिसके मदद से 3D-Animatoon तैयार किया जाता है ।Animation से पहले इसी
सॉफ्टवेयर के मदद से 3D-स्पेस में बैकग्राउंड तैयार का लिया जाता है फिर जिस भी ऑब्जेक्ट या कैरक्टर
का एनीमेशन करना होता है उसको मॉडल कर लिया जाता है और फिर उसको Animate किया जाता है और
अंत में सब कोCompositing कर के फिल्म या वीडियो क्लिप तैयार किया जाता है । 3D-गेम भी इसी
तरीके से बनाया जाता है |
3D animation बनाने की प्रक्रिया क्या है
निचे दिए गये स्टेप में 3D एनीमेशन तैयार किया जाता है:
3D Modeling
3D सॉफ्टवेयर के मदद से बैकग्राउंड, कैरक्टर,और प्रॉप्स का मॉडल तैयार करना मॉडलिंग
कहलाता है | कार,बस, सड़क, टाउन,शहर कुछ भी सीन में जरूरत हो वो आसानी से
3D सॉफ्टवेयर के मदद से बनाया जा सकता है |
Texturing
Texturing में 3D मॉडल को Texturing करना होता है | जब 3D मॉडलिंग आर्टिस्ट किसी भी
ऑब्जेक्ट या बैकग्राउंड को मॉडल करता है तो वो बिकुल मिटटी के रंग का होता है उसमे कोई
भी रंग नहीं होता है बिलकुल बिना कलर का होता है और मटेरियल कौन सा है वो भी पता नहीं चलता है |
Texturing Artist उस मॉडल को कलर करता है और वो जिस मटेरियल का मॉडल है उसके हिसाब से
मटेरियल डालता है| अगर कोई कार या बस का मॉडल है तो उसमे जो पार्ट फाइबर का होगा वहां पे फाइबर
मटेरियल और जो पार्ट लोहे का होगा वहाँ पे लोहे का मटेरिअल और कलर देना होता है और ये प्रक्रिया
Texturing कहलाता है |
Lighting
Texture किये हुए 3D मॉडल के अंदर लाइटिंग करना होता है तब जा कर उस सीन का
रियल फील आता है| दिन का सीन है तो Daylight और रात का सीन है तो उसके हिसाब
से Lighting करना होता है |
रात में अगर MoonLight है तो वहाँ पे उस तरह के Lighting Tools का इस्तेमाल करके
Lighting किया जाता है | 3D मॉडल में बल्ब या Tubelight लगा हुआ है तो Lighting Artist
उसे भी रीयलिस्टिक कर सकता है यह सभी प्रक्रिया 3D सॉफ्टवेयर के अंदर ही होता है |
और इस प्रक्रिया को लाइटिंग कहते हैं |
Animator
Animator का काम होता है एनीमेशन करना | जो भी 3D मॉडल है जैसे कार या बस
उसमे अगर एनीमेशन की जरुरत है यानि वो 3D मॉडल कार सीन के अंदर चल रहा है
एनिमेटर ही उस ऑब्जेक्ट में एनीमेशन करता है |
3D एनिमेटेड फिल्म में कैरेक्टर को भी एनिमेट किया जाता है पुरे सीन में जिस भी ऑब्जेक्ट
या करैक्टर का एनीमेशन करना होता है एनिमेटर कहलाता है |
FX Artist
फिल्म के सीन में अगर कुछ इफेक्ट्स का इस्तेमाल करना हो तो वो Fx Artist करता है |
एनिमेट फिल्म में आग, धुंआ, पानी, झरना , नदी , बदल , कोहरा ये सभी इफेक्ट्स को इस्तेमाल
करने के लिए 3D Software के अंदर मौजूद Effects Tool के मदद से करता है |
Compositor
एक सीन के सारे Element अलग-अलग तैयार होते हैं ; जैसे सीन के बैकग्राउंड , प्रॉप्स , कैरेक्टर,
इफेक्ट्स ये सभी अलग-अलग तैयार होते हैं | फिर उन्हें एक साथ कम्पोजिट कर के सीन तैयार
करना कम्पोज़िटिंग का काम होता है |
Render
फाइनल इमेज या फिर वीडियो जो Publish होगा वो Render होने के बाद ही मिलता है |
3D या फिर 2D सॉफ्टवेयर में जो भी सीन या फुटेज तैयार होता है उसको Render कर के
वीडियो या फिर इमेज सीक्वेंस में निकालना रेंडरिंग कहलाता है |
रेंडरिंग एनिमेटेड फिल्म बनाने का सबसे आखिरी प्रोसेस है |
4. Stop Motion
स्टॉप-मोशन एनीमेशन में रियल सेट बैकग्राउंड बनाया जाता है और कैरक्टर भी
अलग-अलग प्रकार के मटेरियल को इस्तेमाल कर के बनाया जाता है फिर उसको
थोड़ी-थोड़ी मूवमेंट देकर इमेज शूट किया जाता है।
1 फोटग्राफ 1 फ्रेम कहलाता है
और फिर इन सारे फोटग्राफ को एक क्रम में स्क्रीन पे दिखया जाता है।
ऐसे 24 फ्रेम लगते है एक सेकंड के वीडियो बनाने के लिए ।
Stop motion फिल्म Digital filmmaking के तरह ही शूट किया जाता है।
इसमें भी फिल्म सेट एक मिनिएचर के रूप में बनाया जाता है छोटे-छोटे घर, बिल्डिंग
को मिलकर एक शहर तैयार किया जाता है। और कैरेक्टर भी किसी मटेरियल का बना होता है।
Stop Motion Animation Softwares
- Dragonframe
- IKITMovie
- Stop Motion Pro
- qStopMotion
- Stop Motion Studio
- iStopMotion
nice article! thanks for sharing
Nice💐🎂👌👍