Vfx tips for new filmmaker
फिल्म-निमार्ण में विजुअल इफेक्ट्स के मदद से बैकग्राउंड बदला जाता है और (Computer
Generated imagery) CGI का इस्तेमाल कर के बैकग्राउंड तैयार किया जाता है |
अगर फिल्म के किसी सीन में कंप्यूटर जनरेटेड इमेजरी के मदद से डिज़ाइन किये हुए करैक्टर
का इस्तेमाल करना हो तो वो भी विजुअल इफेक्ट्स vfx टेक्नोलॉजी का ही प्रयोग कर के किया जा
सकता है |
फिल्म निर्माण में विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल करना काफी लागत वाली होती है |
अगर सही से प्लानिंग कर के VFX शॉट नहीं बनाया गया तो फिल्म के बजट पे काफी
ज्यादा असर परता है और बजट काफी बढ़ सकता है |
इस पोस्ट के मदद से कुछ Vfx Tips साझा की जा रही है जिसका इस्तेमाल कर के
फिल्म के बजट को बिना बढ़ाये आसानी से विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल
किया जा सकता है |
इन सभी टिप्स के मदद से पोस्ट-प्रोडक्शन में पैसे और समय दोनों को बचाया जा सकता है |
VFX supervisor को फिल्म सेट पे रखें
Table of Contents
जब भी आप कोई फिल्म निर्माण करते हैं और फिल्म में विजुअल इफेक्ट्स का
इस्तेमाल करना हो तो शूटिंग के समय फिल्म सेट पे VFX supervisor का होना
अनिवार्य है |
जरुरी नहीं है की आपका VFX supervisor एकदम award winning हो लेकिन
एक प्रोफेशनल होना चाहिए |
VFX सुपरवाइजर को ये पता होना चाहिए की किसी भी VFX सीन को किस प्रकार से
शूट किया जाता है और किस शॉट में क्या क्या टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है |
VFX शॉट को ग्रीन स्क्रीन का इस्तेमाल कर के शूट किया जाता है ताकि बाद में बैकग्राउंड
बदलने में आसानी हो | कुछ शॉट ऐसे होते हैं जिसमे कैमरा मूवमेंट होता है ऐसे शॉट
में ग्रीन स्क्रीन के ऊपर मार्कर लगा दिया जाता है ताकि उस सीन में कैमरा के मूवमेंट को
ट्रैक किया जा सके और आसानी से CGI बैकग्राउंड का इस्तेमाल किया जा सके |
VFX सुपरवाइजर इन सभी टेक्निक का नॉलेज रखता है और हरेक शॉट को
अलग अलग टेक्निक से शूट करता है | जिस शॉट में ग्रीन स्क्रीन का जरुरत नहीं है
तो उस शॉट में ग्रीन स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करता है |
अगर कोई सीन एक बार शूट हो गया और पोस्ट में चला गया उसके बाद उस सीन को दुबारा
से शूट करना और कुछ गलतियां है तो उसको हटाना काफी मुश्किल है |
इसीलिए किसी भी Vfx फिल्म निर्माण में VFX सुपरवाइजर का प्रोडक्शन में होना जरुरी है तभी
वो समय और पैसा दोनों बचा सकता है |
storyboards का इस्तेमाल जरूर करें (Vfx tips)
फिल्म शूटिंग में Vfx शॉट की स्टोरीबोर्ड होना जरूरी है | स्टोरीबोर्ड एक रफ़ स्केच
होता है जिसमे प्रत्येक शॉट का एक स्केच बना हुआ होता है जिसके मदद से फिल्म शूट
करने में आसानी होती है|
विजुअल इफेक्ट्स शॉट में शूटिंग के पहले की प्लानिंग होना आवश्यक है और उसका एक
स्टोरीबोर्ड तैयार कर लेना भी काफी जरुई होता है ताकि कैमरा को कहाँ पे रखना है , शॉट के
अंदर क्या टेक्निक लगाकर शूट करना होगा ये सभी निर्णय लेने में आसानी हो |
reference के लिए still पिक्चर जरूर शूट कर लें
विजुअल इफेक्ट्स शॉट में refrence सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है | बिना refrence के किसी
भी प्रकार Vfx शॉट को शूट करना काफी मुश्किल हो सकता है | रेफ़्रेन्स के लिए स्टिल पिक्चर
शूट कर के इस्तेमाल कर सकते हैं |
Use tracking markers (Vfx tips)
अगर कीसी शॉट में कैमरा मूवमेंट है और उस शॉट को ट्रैक करना हो तो उसमे ट्रैकिंग मार्कर
लगाना अनिवार्य होता है |
ट्रैकिंग मार्कर के मदद से कैमरा के मूवमेंट को ट्रैक कर के उस टैकिंग डाटा का इस्तेमाल CGI
बैकग्राउंड के इस्तेमाल के समय किया जाता है |
ट्रैकिंग मार्कर को लगाने का तरीका भी कुछ अलग होता है इसमें ध्यान रखना होता है की ट्रैकिंग
मार्कर कहाँ-कहाँ लगाना है और कितना संख्या में लगाना है |
Fix it on set
शूटिंग के समय ही जो भी प्रॉब्लम हो उसको ठीक कर लेना जरुरी होता है | पोस्ट प्रोडक्शन
में ठीक करना काफी मुश्किल हो सकता है |
फिल्म शूटिंग के समय अगर शॉट में कुछ गड़बड़ होती है तो उसको उसी समय प्रोडक्शन
टीम के रहते शूट कर लें या फिर दुबारा से उस शॉट को शूट कर लेना चाहिए |
प्रोडक्शन में अगर गलतियों को इग्नोर करते हैं तो पोस्ट में ठीक करना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है |
Nice information 👍👌💐🎂
very good information