Film Acting Tips :
स्टेज और स्क्रीन एक्टिंग में क्या अंतर है?
Table of Contents
स्टेज पर एक्टिंग करना और फिल्मों में एक्टिंग करना कल्पना के दृष्टि से दोनों सामान चीजें हैं लेकिन, स्टेज एक्टिंग और फिल्म एक्टिंग में कुछ अंतर है जिसको समझना जरुरी है | अगर आप एक एक्टर हैं और स्टेज पर एक्टिंग कर रहें हैं तो आपको अपने फेसिअल एक्सप्रेशन से ज्यादा बॉडी मूवमेंट पर ध्यान देना होता है |
स्टेज एक्टिंग में खत तौर पे किस वक़्त डायलॉग के साथ प्रतिक्रिया देना है, और किस वक़्त मूव करना है , कैसे मूव करना है , ये सभी बातों पे ध्यान देना जरुरी होता है और इन सभी क्राफ्ट पे काम करना होता है | स्टेज अभिनय में दर्शक स्टेज से काफी दूर बैठे होते हैं जिससे उन्हें एक्टर के चेहरे का हाव-भाव नहीं दीखता है इसी लिए बॉडी मूवमेंट के मदद से ऑडियंस से कनेक्ट होना परता है |
वहीं अगर फिल्म एक्टिंग का बात करें तो उसमे फेसिअल एक्सप्रेशन (चेहरे का हाव-भाव ) पे ज्यादा ध्यान देना होता है | फिल्म में इमोशन क्रिएट करने के लिए क्लोज़-अप शॉर्ट का ज्यादा इस्तेमाल होता है | इसी लिए फेसिअल एक्सप्रेशन काफी महत्व रखता है |
एक स्टेज एक्टर को भी फिल्म में एक्टिंग करने के लिए एक्टिंग तकनीक सीखना जरुरी होता है | स्टेज एक्टिंग में आप एक्टिंग के लिए स्वतंत्र होते हैं | स्टेज के सामने ऑडियंस होते हैं जो स्टेज पे हो रहे सभी मूवमेंट को बिना एडिट के देखते हैं |
वहीं स्क्रीन एक्टिंग में कैमरे के सामने एक्टिंग करना होता है और स्क्रीन एक्टिंग में कई तरह के शॉर्ट का इस्तेमाल किया जाता है ताकि इमोशन को अच्छे क्रिएट किया जा सके |
इसी लिए अगर किसी भी अभिनेता को एक सफल अभिनेता के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करना है तो उन्हें अभिनय के तकनीक को सीखना ही पड़ेगा |
अगर आप सिनेमा में अपना एक्टिंग करियर बनान चाहते हैं तो ,सिनेमा किस प्रकार से बनती है उसके बारे पूरी जानकरी होना जरुरी है | सिनेमा 3 चरणों में पूरी होती है |
प्री-प्रोडक्शन
इस प्रक्रिया के अंदर स्टोरी और स्क्रिप्ट तैयार किया जाता है|
प्रोडक्शन
इस प्रक्रिया के अनादर फिल्म की शूटिंग की जाती है |
पोस्ट प्रोडक्शन
इस प्रक्रिया के अंदर फिल्म की एडिटिंग की जाती है और फिर फ़िल्मको रिलीज की जाती है |
विभिन्न प्रकार के कैमरा शॉट्स को जानें और समझें
एक एक्टर को विभिन्न प्रकार के कैमरा शॉर्टस के बारे में जानना जरुरी होता है | किस प्रकार से फ्रेम और कैमरा शॉर्ट के मदद से स्टोरी और इमोशन को दिखाया जाता है इसके बारे में एक एक्टर को समझना और जानना काफी जरूरी होता है |
एक फिल्म एक्टर को अलग-अलग कैमरा शॉर्ट के बारे में जानना चाहिए और उस तरह से फ्रेम सेट करके प्रक्टिस करना चाहिए |
विभिन्न प्रकार के कैमरा शॉर्ट और कैमरा एंगल के बारे में जाने :
- EWS (Extreme Wide Shot)
- ECU (Extreme Close Up)
- VWS (Very Wide Shot)
- MCU (Medium Close Up)
- MS (Mid Shot)
- CU(Close Up)
- (OSS) Over-the-Shoulder Shot
- WS (Wide Shot)
Camera movement Types
- Zoom
- Dolly
- Pan
- Handheld
- Crane
- Tilt
कैमरा पे प्रैक्टिस करने के लिए अपने दोस्तों से मदद ले सकते हैं | आप कैमरे पर एक्टिंग कर सकते हैं और अपने दोस्तों को रिकॉर्ड करने के लिए बोल सकते हैं | फिर उस वीडियो को फिल्म के फुटेज से तुलना कर के देख सकते हैं की अपने कहा पे गलती किया है और किस प्रकार से उसका सुधार कर सकते हैं |कैमरे पे शूट करते समय अपने फेसिअल एक्सप्रेशन पे ज्यादा फोकस करें|
पूरी एक्टिंग करियर में आपको कैमरे के साथ रहना होता है इसी लिए एक्टिंग क्राफ्ट के साथ टेक्निक के ऊपर ध्यान देना और सीखना जरूरी होता है | फिल्म अलग-अलग छोटे-छोटे शॉर्ट्स में शूट किये जाते हैं और फिर उसको स्टोरी के हिसाब से सीक्वेंस तैयार किया जाता है | इसी लिए एक्टर को फिल्म में एक्टिंग करते समय स्क्रिप्ट को भी ध्यान में रखना होता है और इमोशन के साथ कैमरा टेक्निक को भी ध्यान में रखना होता है |
after I read a few sentences above I got useful information for me