Preproduction kya hota hai –
Preproduction फिल्म निर्माण की शुरूआती एक प्रक्रिया होती है जिसके अंदर
फिल्म के बजट, फिल्म की कहानी और फिल्म के अंदर एक्टर एक्ट्रेस की कास्टिंग
की जाती है |
- Lock the shooting script
- Finalize the budget
- Storyboard
- Cast actors
- Hire crew
- Camera and Equipment
- Location scouting
script– Lock the shooting script
फिल्म की कहानी को ही स्क्रिप्ट बोलते हैं कहानी और स्क्रिप्ट में सिर्फ ये फर्क होता है
कहानी साधारण होता है उसमे कोई टेक्निकल डिटेल्स नहीं होता है वही
स्क्रिप्ट प्रॉपर डायलॉग,लोकेशन डिटेल्स , समय (दिन या रात ) और प्रॉपर सीन
डिटेल्स के साथ लिखा होता है |
Preproduction प्रोसेस में ही स्क्रिप्ट डिस्कस कर के फाइनल हो जाता है | ताकि बाद में
कुछ बदलाव नहीं करना परे |
Budget- Finalize the budget
Filmmaking में बजट सबसे महत्पूर्ण है|
फिल्म कितने रूपये के अंदर बनेगी मतलब फिल्म का बजट
क्या है वो फिल्म निर्माता निर्णय लेते हैं | ऐसा नहीं कि जितना बजट है उतना में
फिल्म बन ही जयेगी ये थोड़ा ऊपर-निचे हो सकता है लेकिन Preproduction एक
अनुमान लगा लिया जाता है कि इस फिल्म को इतने रूपये के अंदर बनानी है और
ये सब कहानी लिखने के पहले तय होता है
Storyboard
स्टोरीबोर्डिंग के अंदर प्रत्येक शॉट को एक रफ-चित्र के माध्यम से रिफरेन्स तैयार किया जाता है |
Preproduction के अंदर ही ये फाइनल होता है की फिल्म किस वीडियो फॉर्मेट में शूट होगा |
कौन-कौन से कैमरा का इस्तेमाल होगा | DOP जो है क्या इस कमरे के फंक्शन के बारे में जनता
है की नहीं |सीन शॉर्ट-लिस्ट और बाकि चीजे भी प्री-प्रोडक्शन के अंदर ही फाइनल होता है |
फिल्म शूट में जो भी चीजे लगती उसका एक लिस्ट तैयार करना
सभी चीज के ऊपर कम्पलीट डिस्कशन किया जाता है ताकि आगे प्रोडक्शन में शूट के
समय दिक्कत न हो |
Cast actors
जब Preproduction का काम चल रहा होता है तो उसी समय ये कास्टिंग का भी प्रोसेस होता है
फिल्म के अंदर जितने भी कैरेक्टर है उस के लिए किस अभिनेता या अभिनेत्री को रोल
दिया जायेगा ये प्रक्रिया casting कहलाता है |
Hire crew
Preproduction में ही क्रू के सदस्य को किया hire जाता है |
कैमरा पर्सन DOP, लाइट आर्टिस्ट , सेट आर्टिस्ट , मेकअप आर्टिस्ट सभी को
Preproduction प्रोसेस में लिस्ट कर लिया जाता है |
Camera and Equipment
कैमरा, लाइट और कौन कौन सी चीजे फिल्म के अंदर इस्तेमाल होगी
उनकी लिस्ट तैयार करना और शूटिंग से पहले उपलब्ध करना
ये Preproduction के अंदर ही होता है |
Location scouting
फिल्म के स्क्रिप्ट में क्या-क्या लोकेशन है उस तरह के लोकेशन ढूढ़ना
और जिस तारीख को फिल्म जिस लोकेशन पे शूट होगी उसका लिस्ट तैयार
करना ये Preproduction के अंदर होता है | लोकेशन के लिए लोकेशन मैनेजर
को काम दिया जाता है |
Why is Preproduction so important
फिल्म हो या ड्रामा ये फिर कोई वीडियो प्रोडक्शन प्लानिंग हर जगह जरुरी होता है और
ये प्लानिंग तब तक चलता है जब तक कि वो फिल्म या फिर ड्रामा प्रोडक्शन में बनना
शुरू नहीं हो जाता |
अगर आसान भाषा में Preproduction को समझें तो ये प्लानिंग कि प्रक्रिया ही Preproduction
कहलाता है | जहाँ पे प्लानिंग ख़तम होता है वहीं Preproduction भी खत्म हो जाता है |
Preproduction इसीलिए जरुरी है ताकि उस प्रोजेक्ट में काम करने वाले हर एक सदस्य को
पता होना चाहिए कि आगे उस प्रोजेक्ट में उनकी जिम्मेवारी क्या है |
अगर फिल्म कि बात करें तो फिल्म में कहाँ कौन सा सीन शूट होगा उसमे कौन-कौन लोग को
होना जरूरी है, क्या लाइट लगेगा,ये पुरे उस फिल्म प्रोजेक्ट के सदस्यों को पता होना चाहिए
ताकि कोई शूट के समय ये न कहे कि हमें तो ये मालूम ही नहीं था | और ये पूरी जानकारी का
आदान प्रदान Preproduction कि प्रक्रिया में ही हो जाती है |
किसी भी प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्लानिंग यानि Preproduction काफी
महत्वपूर्ण है |
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