फिल्म में एक colorist का क्या काम होता है ?

COLORIST

डिजिटल फिल्ममकेंग में फिल्मकार को इमेज कलर को कण्ट्रोल करने का flexiblity और
ज्यादा मिल जाता है | फिल्म शूट होने के बाद फुटेज को सिनेमेटिक बनाने के लिए उसको
कलर करना होता है और उसके लिए colorist होते हैं |

फिल्म-निर्माण तीन चरण में पूरा होता है-

  • प्री-प्रोडक्शन
  • प्रोडक्शन
  • पोस्ट-प्रोडक्शन

प्री-प्रोडक्शन प्रोसेस में फिल्म के स्टोरी और स्क्रिप्ट लिखा जाता है और कास्टिंग, लोकेशन स्काउटिंग
की प्रक्रिया होती है |

प्रोडक्शन की प्रक्रिया में फिल्म की शूटिंग की जाती है |

पोस्ट-प्रोडक्शन में फिल्म की एडिटिंग,और विजुअल इफेक्ट्स से जुड़े काम होते हैं और इस चरण में
कलर ग्रेडिंग किया जाता है |

Colorist क्या होता है ?

colorist किसी भी फिल्म के कलर को डिज़ाइन करने और स्टोरी के एमोशन के हिसाब
से फिल्म में कलर देने के लिए responsible होता है |
एक Colorist फिल्म के निर्देशक और डायरेक्टर ऑफ़ फोटोग्राफी के साथ मिल कर
फिल्म के लिए क्या सही color palate होगा वो तैययर करता है और फिर फिल्म
शूटिंग कम्पलीट होने के बाद पोस्ट प्रोडक्शन में फिल्म को कलर करता है |

Colorist फिल्म निर्माण के सबसे अंत में involve होता है | फिल्म एडिटिंग कम्पलीट होने के
बाद फुटेज Colorist को भेजा जाता है और फिर Colorist उस फुटेज को कलर ग्रेडिंग
सॉफ्टवेयर के मदद से कलर करता है | डरेक्टर और DOP जो भी कलर प्लेट तैयार कर के
देता है उसके हिसाब से फिल्म लुक देता है |

फिल्म को कलर करने के लिए दो स्टेप में पूरा किया जाता है |

  • Color Correction
  • Color Grading

first step is Color Correction

कलर करेक्शन में फुटेज के कलर को normalizing किया जाता है | अगर फुटेज में कही पे brightness
कम है तो उसे ठीक किया जाता है और गार कहीं पे कंट्रास्ट ज्यादा है तो उसे ठीक किया जाता है |
कलर करेक्शन को ”प्राइमरी कलर ग्रेडिंग” भी बोला जाता है |

कलर करेक्शन के दौरान के फुटेज को मैच किया जाता है | अगर दो फुटेज एक सीक्वेंस में है और दोनों
फुटेज एक दूसरे से मैच नहीं करता है तो उसे मैच कराया जाता है | किसी फुटेज में अगर लाइटिंग का
प्रॉब्लम है या फिर लोकेशन डिफरेंट है और कलर मैच करवाना है तो वो भी कलर करेक्शन में ही कम्पलीट
कर लिया जाता है |

Color Grading

कलर गार्डिंग में पुरे फिल्म को डायरेक्टर या स्क्रिप्ट सुपरवाइजर के द्वारा तैययर किये गए कलर पैलेट
के हिसाब से फिल्म को एक लुक दिया जाता है |
काम को तेज़ी से कम्पलीट करने के लिए LUT’s का इस्तेमाल किया जाता है | LUT’s कोलोरिस्ट के द्वारा
तैयार किया गया premade कलर पैलेट होता है जिसको सॉफ्टवेयर के मदद से फुटेज पे अप्लाई करते ही
वो पुरे फुटेज पे सिनेमेटिक लुक आ जाता है |

Colorist कैसे बनें

फिल्म निर्माण में काम करने के लिए क्रिएटिव और टेक्निकल नॉलेज दोनों का होना जरुरी है |
एक Colorist को कलर और कलर थ्योरी के बारे अच्छी समझ होना चाहिए | कलर का ऑडियंस
के ऊपर एक psychological इफेक्ट्स होता है |

जब कलर प्लेट तैयार किया जाता है तो उससे पहले स्टोरी को एनालाइज किया जाता है की स्टोरी
‘और फिल्म का मूड क्या है और फिर उसी के हिसाब से कलर प्लेट तैयार किया जाता है |
उसी कलर प्लेट को फॉलो कर के फिल्म में Colorist को कलर ग्रेडिंग करना होता है |

कलर ग्रेडिंग करने के लिए कलर ग्रेडिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है | जो Colorist बनाना
चाहते हैं उन्हें कलर ग्रेडिंग सॉफ्टवेयर सीखना जरूरी होता है |
वैसे तो कई सरे कलर ग्रेडिंग सॉफ्टवेयर मार्केट में उपलब्ध हैं पर कौन सा सॉफ्टवेयर प्रोडक्शन हाउस
में या स्टूडियो में इस्तेमाल होता है इसके बारे में Colorist को जानकारी होना चाहिए और उसी
सॉफ्टवेयर का ट्रेनिंग लेना जरूरी है |

एक COLORIST के पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल होना चाहिए | Colorist को फिल्म निर्माण
के दौरान फिल्म के टीम मेंबर के साथ (फिल्म एडिटर, डॉयरेक्टर ,dop) इन सभी लोगों के डिसकस
करना होता है | इसी लिए अगर कोई Colorist बनान चाहता है तो उसे अपने कम्युनिकेशन स्किल
के ऊपर भी ध्यान देना चाहिए |

color grading software list

  • DaVinci Resolve
  • Baselight (FilmLight )
  • Red Giant Magic Bullet Colorista IV.
  • Adobe Premiere Pro (Lumetri)
  • Final Cut Pro X (Color Board)

ये सभी पॉपुलर कलर ग्रेडिंग सॉफ्टवेयर हैं जो प्रोडक्शन हाउस में इस्तेमाल होते हैं |

color grading सॉफ्टवेयर कहाँ से सीखें

कलर ग्रेडिंग सॉफ्टवेयर सिखने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर सकते हैं|
कई सारे COLORIST ऑनलाइन क्लासेज प्रोवाइड करते हैं जहाँ से कोर्स कर के कलर गार्डिंग
सॉफ्टवेयर सिख सकते हैं |

अगर आप फिल्म निर्माण का कोर्स करते हैं तो उसमे भी आपको पोस्ट प्रोडक्शन प्रोसेस के
अंदर कलर ग्रेडिंग के बारे में बताय जाता है | अगर COLORIST बनाना है तो कलर ग्रेडिंग
में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं और कलर गार्डिंग एक स्पेशल कोर्स कर सकते हैं |

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