Film Script ya Screenplay
फिल्म के लिए लिखी गई कहानी को Film Script या Screenplay
कहते हैं | फिल्म स्क्रिप्ट में मूवमेंट, एक्शन ,डायलॉग, एक्सप्रेशन
ये सभी चीजे लिखा होता है जो की ट्रेडिशनल स्टोरी-राइटिंग से थोड़ा अलग होता है |
Film Script ya Screenplay फॉर्मेट

फिल्म स्क्रिप्ट लिखने के लिए A4 साइज के पेपर का इस्तेमाल होता है | और
1 पेज स्क्रिप्ट के अंदर 1 मिनट का सीन होता है |
Start The Film Script Screenplay
Screenplay के शुरुआत में ट्रांजीशन लिखना होता है मतलब जब फिल्म की सीन शुरू
शुरू होगी तो उस सीन को पहले के सीन से कनेक्ट करना |
दो सीन को जोड़ने के लिए ट्रांजीशन का इस्तेमाल किया जाता है और उसको
स्क्रीनप्ले में लिखना होता है |
जब फिल्म एडिटिंग होता है तो फिल्म एडिटर को भी इससे थोड़ा मदद मिलता और
वो उसी तरह के ट्रांजीशन इफेक्ट्स का इस्तेमाल कर के सीन को जोड़ कर सीक्वेंस
तैयार करता है |
Scene Heading
Screen Heading के अंदर सीन के लोकेशन को लिखना होता है | अगर सीन घर के
अंदर यानि indoor में शूट होगा तो उसके लिए INT. लिखा जाता है या फिर Outdoor में
यानि घर के बाहर शूट होगा तो इसे EXT. लिखा जाता है और इसके साथ थोड़ा डिटेल्स लिखना
होता है|
जैसे -इंडोर में बेडरूरम, किचन, छत, किस जगह सीन शूट होगा वो एक शब्द में हिंट दे दिया जाता है |
वहीं आउटडोर में रोड ,पार्क, मंदिर, हॉस्पिटल, स्कूल, किस जगह का सीन है वो भी एक शब्द में
हिंट दे दिया जाता है ताकि प्रोडक्शन टीम को आईडिया आ जाये की सीन को कहाँ पे
शूट करना है और उसके लिए क्या -क्या चीजों का जरूरत होगी |
सीन के हेडिंग में ही समय को भी लिखना होता है यानि दिन में शूट होगी या रात में
उसके लिए Day /Night लिखना होता है | इसका मुख्य वजह है प्रोडक्शन टीम उसी हिसाब से
लाइट उपलब्ध करायेगा |
Action
सीन के अंदर जो भी घटना होती है उसको एक्शन बोलते हैं | सीन के अंदर
ऑडियो या विजुअल क्या-क्या एक्शन है उसको सीन हेडिंग के ठीक बाद
लिखा जाता है | सीन में करैक्टर का जो भी एक्शन है वो पुरे डिटेल्स के साथ
लिखना होता है |
उदहारण के लिए –
मान लें, अगर सीन आउटडोर में शूट हो रही है और सीन में आग लगी हुई है तो उस समय सीन
में जो भी एक्शन दिखाना होगा उसको डिटेल्स में लिखना जरूरी होता है |
जैसे – लोग भाग रहे हैं, कुछ लोग आग में जल रहे हैं , कुछ लोग दूसरे को बचा भी रहे होंगे रोड पे एम्बुलेंस
,पुलिस हो सकती है | सीन में क्या-क्या दिखाना है उसको पुरे डिटेल्स के साथ एक्शन के अंदर लिखना होता है |
Character
एक्शन के ठीक निचे कैरेक्टर के बारे में लिखना होता है | इसमें केरैक्टर का नाम
उम्र, और कोई बेसिक जानकरी होती है तो वो लिखा जाता है |
NOTE :- Screenplay में कैरेक्टर के पूरी डिटेल्स नहीं लिखना होता है | पुरे फिल्म के अंदर
कितने कैरेक्टर हैं और उसका उम्र, रंग, बोलने की शैली या फिर जो भी डिटेल्स है वो एक अलग पेज में
पुरे कम्पलीट इनफार्मेशन के साथ लिखा जाता है |
Screenplay में सिर्फ नाम और उम्र और जेंडर ये जानकारी ही लिखना चाहिए |
Dialogue
कैरक्टर के ठीक निचे डायलॉग लिखना होता है | फिल्म में कैरेक्टर क्या बोल
रहा है उसको डायलॉग कहते हैं |
Intercut
प्रत्येक सीन के लिए सीन हेडिंग को बार-बार दोहराने के बजाय, एक INTERCUT का उपयोग
किया जाता है।
एक Script में दो सीन हेडर है यानि दो लोकेशन है और दोनों लगातार एक के बाद रिपीट हो रहा है
तो वैसी परिस्थिति में सीन हेडर न लिख के INTERCUT उपयोग होता है |
Transition
ट्रांजीशन का इस्तेमाल एक सीन से दूसरे सीन के बीच में होता है | ये एडिटिंग का एक हिस्सा है
जो Script में लिखा जाता है | वैसे ये एडिटर और डायरेक्टर के हिसाब तय होता है की किस तरह
का ट्रांजीशन इस्तेमाल किया जायेगा | लेकिन Script Writer द्वारा सीन में ट्रांजीशन
एक आईडिया के लिए लिख दिया जाता है |
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