Casting फिल्ममेकिंग के अंदर प्री-प्रोडक्शन चरण का एक प्रक्रिया है जिसमे स्क्रिप्ट के
हिसाब से किसी करैक्टर के अभिनय के लिए एक्टर को चुना जाता है|
प्रदर्शन कला उद्योग में जैसे कि थिएटर, फिल्म, या टेलीविजन,में कास्टिंग के मदद से ही
किसी अभिनेता, नर्तक, गायक, या किसी विशेष भूमिका के लिए या अतिरिक्त चयन किया
जाता है |
Casting प्रक्रिया का उपयोग आम तौर पर मोशन पिक्चर,टेलीविज़न प्रोग्राम, डॉक्यूमेंट्री,
म्यूजिक वीडियो, प्ले, या टेलीविज़न विज्ञापन आदि के लिए भी किया जाता है।
Casting types
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फिल्म या नाटक में कई तरह के रोल होता है | अलग-अलग अभिनेताओं को विभिन्न प्रकार
की भूमिकाएँ निभाने के लिए चुना जाता है। मुख्य पात्र में कभी-कभी एक ही अभिनेता होते हैं
तो कभी-कभी कई अभिनेता शामिल होते हैं जिनकी उपस्थिति फिल्म, थिएटर या टेलीविजन
में महत्वपूर्ण होती है। नायक की भूमिका निभाने वाली सबसे बड़ी भूमिका को एक प्रमुख अभिनेता
या अभिनेत्री कहा जाता है |
फिल्म में कई और करैक्टर होते हैं जो साइड रोल के लिए होते हैं वो फिल्म में सपोर्टिंग एक्टर
के रूप में रहते हैं | सपोर्टिंग एक्टर का रोल कम समय के लिए होता है और उसका डायलॉग भी
सिमित लाइन का होता है |
Casting की प्रक्रिया के लिए कास्टिंग डायरेक्टर को काम दिया जाता है |
मुख्य पात्र का चुनाव फिल्म के स्क्रिप्ट राइटिंग के समय ही कर लिया जाता है और
बाकि सपोर्टिंग एक्टर के लिए किसी कास्टिंग एजेंसी या फिर कास्टिंग डायरेक्टर को
काम दिया जाता है |
casting process
casting process के लिए कास्टिंग पैनल होता है जिसके अंदर film producer, film director,
कोरियोग्राफर , कास्टिंग डायरेक्टर ये सभी होते हैं |
किसी भी एक्टर को कास्ट करने के लिए उसका ऑडिशन लिया जाता है फिर एक्टर का सिलेक्शन
होता है | किसी भी एक करैक्टर के कास्ट के लिए कई एक्टर का ऑडिशन किया जाता है
यहाँ तक की 500-1000 एक्टर का ऑडिशन लिया जाता है तब जा कर अच्छे और फिट एक्टर
का चुनाव हो पाता है |
ऑडिशन को वीडियो टेप में रिकॉर्ड कर लिया जाता है और उसे film producers, film directors
और studio executives के साथ शेयर किया जाता है और उसी के मदद से Casting पैनल
किसी एक्टर का सिलेक्शन करता है |
Casting directors
Casting director का काम जयादा से ज्यादा एक्टर का ऑडिशन ले कर रखना होता है
और उनके बारे में जानकरी रखना ताकि जब भी किसी डायरेक्टर को नए एक्टर की जरूरत
हो तो Casting डायरेक्टर उस में मदद कर सके |
काफी सारे Casting director की खुद की एजेंसी होती है जिसे कास्टिंग एजेंसी बोलते हैं |
जब भी किसी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी को कास्टिंग की जरुरत परती है तो वो कास्टिंग
एजेंसी से संपर्क करता है और एक्टर के ऑडिशन लेता है |
कास्टिंग डायरेक्टर के पास पहले से भी काफी सारे एक्टर के ऑडिशन और उनके बारे
में इनफार्मेशन मौजूद होते हैं | Casting director उसे फिल्म प्रोडक्शन
कंपनी से साझा करता है और फिर एक्टर का सलेक्शन होता है |
जब से डिजिटल फिल्ममेकिंग शुरू हुआ है कास्टिंग और ऑडिशन भी ऑनलाइन ही किया जाता
है | ऑनलाइन ऑडिशन के लिए एक्टर अपना अभिनय रिकॉर्ड कर के कास्टिंग एजेंसी के वेबसाइट
पे या फिर कास्टिंग एजेंसी को ईमेल के माध्यम से भेजता है | फिर Casting director उसे
फिल्म प्रोडक्शन के जरूरत के हिसाब से उसे भेज देता है |
आगे फिल्म प्रोडक्शन कंपनी उन ऑडिशन के वीडियो को देख कर जो एक्टर किसी करैक्टर के लिए
फिट बैठता है उसे सेलेक्ट कर लेता है और फिर फाइनल स्क्रीन टेस्ट के लिए उस एक्टर को
इन्फॉर्म कर देता है |
इस तरह से किसी फिल्म में किसी एक्टर का सिलेक्शन होता है और उसे Casting बोला जाता है |