career in filmmaking
फिल्म निर्माण एक कला है जिसको इस्तेमाल कर के किसी कहानी के ऊपर फिल्म यानि
मोशन पिक्चर तैयार किया जाता है | फिल्म-निर्माण में कई तरह के तकनीक और प्रक्रिया
का इस्तेमाल किया जाता है |
फिल्म निर्माण के कई चरण होते हैं और उन सभी चरण के लिए अलग-अलग डिपार्टमेंट
होता है :
प्री-प्रोडक्शन
प्री-प्रोडक्शन फिल्म-निर्माण की सबसे पहली चरण है इसके अंदर फिल्म स्क्रिप्ट राइटिंग
कास्टिंग, लोकेशन स्काउटिंग, स्टोरीबोर्डिंग, की जाती है|
प्री-प्रोडक्शन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए प्री-प्रोडक्शन डिपार्टमेंट होता है |
how to start career in filmmaking प्री-प्रोडक्शन डिपार्टमेंट
- स्क्रिप्ट राइटर
- स्टोरीबोर्डिंग आर्टिस्ट
- फिल्म निर्माता
- फिल्म डायरेक्टर
- लोकेशन मैनेजर
प्री-प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में करियर बनाने के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग, फिल्ममेकिंग, स्टोरीबोर्डिंग
फिल्म डायरेक्टर का प्रशिक्षण लिया जा सकता है और अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं|
प्रोडक्शन
फिल्ममेकिंग का दूसरा चरण होता है प्रोडक्शन | प्रोडक्शन प्रोसेस के अंदर
फिल्म का सेट तैयार किया जाता है और फिल्म की शूटिंग की जाती है |
प्रोडक्शन की प्रक्रिया पूरा करने के लिए प्रोडक्शन डिपार्टमेंट होता है|
how to start career in filmmaking प्रोडक्शन डिपार्टमेंट
- डायरेक्टर
- सेट आर्टिस्ट
- डायरेक्टर ऑफ़ फोटोग्राफी
- सिनेमेटोग्राफर
- स्पेशल इफ़ेक्ट आर्टिस्ट
प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में करियर बनाने के लिए डायरेक्शन,सिनेमेटोग्राफी,एक्टिंग,स्पेशल इफेक्ट्स
का प्रशिक्षण लिया जा सकता है और अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं |
पोस्ट-प्रोडक्शन
पोस्ट-प्रोडक्शन फिल्म निर्माण की आखिरी चरण होता है | पोस्ट-प्रोडक्शन प्रक्रिया के
अंदर फिल्म के ऑडियो ,वीडियो एडिटिंग और कलर ग्रेडिंग की जाती है | अगर कुछ
विजुअल इफेक्ट्स इस्तेमाल करना हो तो वो भी फिल्म के पोस्ट-प्रोडक्शन प्रक्रिया में
की जाती है | पोस्ट-प्रोडक्शन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए पोस्ट-प्रोडक्शन डिपार्टमेंट होता है |
how to start career in filmmaking पोस्ट-प्रोडक्शन डिपार्टमेंट
प्रोडक्शन डिपार्टमेंट में करियर बनाने के लिए डायरेक्शन,ऑडियो ,वीडियो एडिटिंग और कलर ग्रेडिंग
और विजुअल इफेक्ट्स का प्रशिक्षण लिया जा सकता है और अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं |
डिस्ट्रीब्यूशन
डिस्ट्रीब्यूशन प्रक्रिया के अंदर फिल्म रिलीज की प्रक्रिया होती है | फिल्म किस प्रकार से
और किस प्लेटफार्म पे रिलीज होगी ये फिल्म निर्माता तय करता है | डिस्ट्रीब्यूशन प्रक्रिया के
लिए फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर को काम दिया जाता है |
फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर के तौर पे भी फिल्म में अपने करियर बना सकते हैं |
फिल्म निर्माण में करियर बनाने के लिए इन सभी डिपार्टमेंट में से किसी एक
डिपार्टमेंट का ट्रेनिंग ले कर शुरुआत किया जा सकता है | काफी सारे फिल्म इंस्टीटूशन्स हैं
जहाँ से फिल्म मेकिंग का कोर्स कर सकते हैं |
फिल्ममेकिंग का डिग्री या डिप्लोमा दोनों तरह के कोर्स उपलब्ध है इस लिए हाई स्कूल
कम्पलीट करने के बाद किसी अच्छे इंस्टीटूशन से कोर्स कर के फिल्म इंडस्ट्री में अपना
करियर बना सकते हैं |
- Film and Television Institute of India, Pune
- Satyajit Ray Film and Television Institute (SRFTI) Kolkata
- Whistling Woods International, Mumbai
- National Institute of Design (NID), Ahmadabad
- Asian Academy of Film and Television
- L V Prasad Film And TV Academy, Chennai
फिल्म स्कूल से कोर्स करने के बाद शुरुआत में काम मिलने में थोड़ी परेशानी हो सकती
है | फिल्म इंडस्ट्री में आसानी से काम पाने के लिए पोर्टफोलियो होना बहुत जरूरी होता है
अक्सर फिल्म प्रोडक्शन कंपनी लोगो को पिछले कामों के आधार पे ही अपने कंपनी के अंदर
काम देते हैं इसीलिए पोर्टफोलियो का होना काफी आवश्यक है | पोर्टफोलियो बनाने के लिए
शॉर्ट-फिल्म में काम कर सकते हैं| शॉर्ट-फिल्म काफी अच्छा माध्यम है इसके मदद से लोकप्रियता
और काम दोनों आसानी से मिल सकता है |
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