dubbing in hindi- डबिंग फिल्म-निर्माण की एक प्रक्रिया होती है जो फिल्म-निर्माण के सबसे
अंतिम चरण यानि पोस्ट-प्रोडक्शन की प्रक्रिया में किया जाता है |
फिल्म शूटिंग के समय एक्टर जो डायलॉग बोलता है वो फिल्म में इस्तेमाल नहीं किया जाता है
शूटिंग होने के बाद अलग से उस डायलॉग की रिकॉर्डिंग की जाती है जिसे डबिंग बोलते हैं |
फिल्म जब शूट होती है तो डायलॉग वहां पे भी रिकॉर्ड की जाती है लेकिन उसको सिर्फ डबिंग के
रेफेरेंस के लिए इस्तेमाल किया जाता है | शूटिंग लोकेशन पे जो ऑडियो रिकॉर्ड होती है
उसमे डायलॉग के साथ-साथ शोरगुल की आवाजे भी रिकॉर्ड हो जाती है जिसे फिल्मों में
इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है |
इसी एक्टर को दिला दुबारा से रिकॉर्ड करने के लिए डबिंग स्टूडियो में बुलाया जाता है और फिर से
पूरी फिल्म के डायलॉग की रिकॉर्डिंग की जाती है |
कुछ डबिंग स्टूडियो में डबिंग आर्टिस्ट होते हैं जो एक्टर की जगह उनकी आवाज में डबिंग
करते हैं | कभी-कभी एक एक्टर काफी सारी फ़िल्में एक साथ कर रहे होते हैं तो वैसे में
उनके पास समय की कमी होती है इसी लिए डबिंग आर्टिस्ट उनके आवाज में उस डायलॉग की
डबिंग करता है |
डबिंग का इस्तेमाल कहाँ-कहाँ होता है-dubbing in hindi
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फिल्म के डायलॉग के अनुवाद में डबिंग का इस्तेमाल किया जाता है | डबिंग के मदद से ही
आप दूसरे देश और भाषा में बनी फिल्मों का लुत्फ़ अपने भाषा में उठा पाते हैं |
जैसे तमिल और तेलगु फिल्म उत्तर भारत में लोग ज्यादा पसंद करते हैं और वो फिल्मे
उन्हें हिंदी में देखने को मिल जाती है ये डबिंग का ही कमाल है |
हॉलीवुड फिल्मे पूरी दुनिया में देखि जाती है | जब फ़िल्में बनती है तो उस समय वो
लोकल भाषा में बनती है | बाद में उसे जिस भी देश या राज्य में रिलीज़ करना होता है उस
देश या राज्य की भाषा में उस फिल्म की डबिंग की जाती है और फिर उस देश या राज्य में
उस फिल्म को रिलीज की जाती है |
फिल्म के डायलॉग का अनुवाद करने के लिए डबिंग स्क्रिप्ट राइटिंग किया जाता है | यानि
जिस भाषा में फिल्म की डबिंग की जाएगी उस भाषा में पहले डबिंग स्क्रिप्ट तैयार किया
जाता है ताकि फिल्म जो डायलॉग हो थोड़ा रुचिकर लगे और उसको एन्जॉय कर सके |
अब कोई फिल्म इंग्लिश में बनी है तो उसको डाइरेक्ट अनुवाद कर के डबिंग करने से उतना
दूसरे भाषा के लोग को कनेक्ट नहीं कर पायेगा | इसी लिए फिल्म स्क्रिप्ट को दुबारा से
अनुवाद कर के लिखा जाता है फिर उसकी डबिंग की जाती है |
एनिमेटेड फिल्मों में डबिंग का इस्तेमाल होता है
एनीमेशन में जो एनिमेटेड करैक्टर डायलॉग बोलता है वो डबिंग के मदद से ही संभव है |
एनीमेशन फिल्म में सबसे पहले CGI करैक्टर की मॉडलिंग की जाती है फिर उसका एनीमेशन किया
जाता है और फिर स्क्रिप्ट में जो डायलॉग होता है उसकी डबिंग की जाती है |
फसाइल एक्सप्रेशन के लिए मोशन कैप्चर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है ताकि एनीमेशन देखने में
असली लगे और लगे की वो एनिमेटेड करैक्टर ही डायलॉग बोल रहा है |
फिल्म में मुख्य रूप से तीन तरह के साउंड होते हैं-
डायलॉग -( फिल्म में एक पात्र दूसरे से संवाद करता है उसे डायलॉग कहते हैं |
साउंड-इफेक्ट्स-(सीन में हो रही हलचल(दरवाजा खुलने की आवाज,
पैर की आवाज,कोई हथियार इस्तेमाल हो रहा है तो
उसकी आवाज ) के साउंड को अलग से क्रिएट करना|
Background Music
बैकग्राउंड-म्यूजिक-फिल्म में जो भी घटना होती है उसमे इमोशन क्रिएट
करने के लिए पीछे एक म्यूजिक चलते रहता है उसे बैकग्राउंड-म्यूजिक कहते हैं |
अगर हम बात करे मिक्सिंग की तो फिल्म जब आप देखते हैं उसमे
आपको फिल्म के डायलॉग के अलावा और भी साउंड सुनाई देती है
जैसे एक्टर के चलने की आवाज,या फिर कोई सामान गिरा तो
उसके टूटने की आवाज,गोली चलने की आवाज , हवा चल
रही है तो उसकी आवाज ये सभी चीजे साउंड-इफेक्ट्स के अंदर
आती है और इसे भी अलग से बनाया जाता है जो
साउंड-इफेक्ट्स का काम करता हैं इसे (Foley artist) कहते हैं|
डायलॉग और साउंड इफेक्ट्स और बैकग्राउंड-म्यूजिक सभी को एक साथ
एडिट करने की प्रक्रिया ऑडियो-मिक्सिंग कहलाती है |अब सवाल है
की क्या वही एक्टर/एक्ट्रेस Dubbing में होते है जो सेट पर फिल्म शूटिंग में होते हैं ?
काफी ऐसी फिल्मे हैं जिसमे एक्टर के जगह दूसरे लोग डबिंग किये हैं और
एकदम जो अभिनेता हैं या अभिनेत्री है उनके जैसा ही आवाज निकलते हैं|
अभिनेता अगर किसी दूसरे फिल्म के लिए ब्यस्त हैं और साउंड रिकॉर्डिंग
करनी हैं तो उस परिस्थिति में Dubbing Artist को बुलाया जाता हैं और
Dubbing आर्टिस्ट उनके आवाज में फिल्म के डायलोग बोलते हैं |
Dubbing Process In Film
जब फिल्म शूट होती है तब सेट पर काफी शोरगुल रहती है और माइक्रोफोन
उस शोरगुल को कैप्चर कर लेती है जिसके वजह से फिल्म में जो
एक्चुअल आवाज होती है वो क्लियर नहीं होती है यही वजह है फिल्म में एक्टर के चलने,
दौरने से लेकर हवा चलने, पानी गिरने की आवाज सभी चीज
आर्टिफीसियल तैयार कर के मिक्सिंग की जाती है|
Foley artist
जो आर्टिस्ट साउंड इफेक्ट्स बनाते हैं उन्हें Foley artist कहते हैं साउंड इफेक्ट्स के लिए
एक अलग स्टूडियो होता है और वो साउंड-प्रूफ होता है ताकि
बाहर कीआवाजे अंदर न आ सके और फिर इसकी रिकॉर्डिंग की जाती है |
अलग अलग तरह के साउंड बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है|
बैकग्राउंड-म्यूजिक-बैकग्राउंड म्यूजिक की बात करे तो उसका मुख्य उद्देश्य है
फिल्म में घटना के आधार पर म्यूजिकके मदद से इमोशन क्रिएट करना|
बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए भी अलग से आर्टिस्ट होते हैं और अलग स्टूडियो होता है
जहाँ फिल्म के कहानी के हिसाब से और डायरेक्टर के
निर्देश से बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार किया जाता है |
फिल्म में साउंड बहुत महत्पूर्ण चीज है कोई फिल्म आप साउंड को बंद कर
के देखे फिर आपको पता चल जयेगा की बिना साउंड के फिल्म कितनी बेकार दिखती है |