Dubbing फिल्ममेकिंग में पोस्ट-प्रोडक्शन की एक प्रक्रिया है जिसमे ऑडियो को
एडिट और क्रिएट किया जाता है |फिल्म जब शूट होती है तो उस समय
लोकेशन पे अभिनय के दौरान जो डायलॉग बोला जाता है और उसकी
रिकॉर्डिंग में आस-पास के noise शोरगुल या जो एक्स्ट्रा साउंड होता है वो
भी रिकॉर्ड हो जाता है कभी कभी सेट पे इतने शोरगुल होते हैं की उसमे
फिल्म के डायलॉग सुनाई भी नहीं देते हैं तो इसके लिए फिर से
एक्टर से डायलॉग रिकॉर्ड करवाई जाती है ये Dubbing स्टूडियो में होता है
वहाँ पे रिकॉर्डिंग रूम होता है जो पूरी तरह से साउंड-प्रूफ होता है |
फिल्म में मुख्य रूप से तीन तरह के साउंड होते हैं-
डायलॉग -( फिल्म में एक पात्र दूसरे से संवाद करता है उसे डायलॉग कहते हैं |
साउंड-इफेक्ट्स-(सीन में हो रही हलचल(दरवाजा खुलने की आवाज,
पैर की आवाज,कोई हथियार इस्तेमाल हो रहा है तो
उसकी आवाज ) के साउंड को अलग से क्रिएट करना|
Background Music
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बैकग्राउंड-म्यूजिक-फिल्म में जो भी घटना होती है उसमे इमोशन क्रिएट
करने के लिए पीछे एक म्यूजिक चलते रहता है उसे बैकग्राउंड-म्यूजिक कहते हैं |
अगर हम बात करे मिक्सिंग की तो फिल्म जब आप देखते हैं उसमे
आपको फिल्म के डायलॉग के अलावा और भी साउंड सुनाई देती है
जैसे एक्टर के चलने की आवाज,या फिर कोई सामान गिरा तो
उसके टूटने की आवाज,गोली चलने की आवाज , हवा चल
रही है तो उसकी आवाज ये सभी चीजे साउंड-इफेक्ट्स के अंदर
आती है और इसे भी अलग से बनाया जाता है जो
साउंड-इफेक्ट्स का काम करता हैं इसे (Foley artist) कहते हैं|
डायलॉग और साउंड इफेक्ट्स और बैकग्राउंड-म्यूजिक सभी को एक साथ
एडिट करने की प्रक्रिया ऑडियो-मिक्सिंग कहलाती है |अब सवाल है
की क्या वही एक्टर/एक्ट्रेस Dubbing में होते है जो सेट पर फिल्म शूटिंग में होते हैं ?
काफी ऐसी फिल्मे हैं जिसमे एक्टर के जगह दूसरे लोग डबिंग किये हैं और
एकदम जो अभिनेता हैं या अभिनेत्री है उनके जैसा ही आवाज निकलते हैं|
अभिनेता अगर किसी दूसरे फिल्म के लिए ब्यस्त हैं और साउंड रिकॉर्डिंग
करनी हैं तो उस परिस्थिति में Dubbing Artist को बुलाया जाता हैं और
Dubbing आर्टिस्ट उनके आवाज में फिल्म के डायलोग बोलते हैं |
Dubbing Process In Film
डबिंग के मदद से ही आप दूसरे भाषा की फिल्मे हिंदी में देखे पाते हैं
फिल्म पहले एक भाषा में बनती हैं फिर अलग-अलग भाषा में
डबिंग Dubbing कर के हरेक प्रदेश में रिलीज की जाती हैं |
आप डबिंग Dubbing के वजह से ही दूसरे प्रदेश के फिल्मो का मजा ले पाते हैं |
हिंदी फिल्मों को भी वर्ल्ड-वाइड रिलीज के लिए अलग अलग भाषा का इस्तेमाल किया जा है|
साउंड-इफेक्ट्स-अगर साउंड-इफेक्ट्स की बात करे तो फिल्म में
जितने भी घटना होती है उसको बेहतर दिखने में साउंड इफेक्ट्स का बहुत बड़ा योगदान है |
जब फिल्म शूट होती है तब सेट पर काफी शोरगुल रहती है और माइक्रोफोन
उस शोरगुल को कैप्चर कर लेती है जिसके वजह से फिल्म में जो
एक्चुअल आवाज होती है वो क्लियर नहीं होती है यही वजह है फिल्म में एक्टर के चलने,
दौरने से लेकर हवा चलने, पानी गिरने की आवाज सभी चीज
आर्टिफीसियल तैयार कर के मिक्सिंग की जाती है|
Foley artist
जो आर्टिस्ट साउंड इफेक्ट्स बनाते हैं उन्हें Foley artist कहते हैं साउंड इफेक्ट्स के लिए
एक अलग स्टूडियो होता है और वो साउंड-प्रूफ होता है ताकि
बाहर कीआवाजे अंदर न आ सके और फिर इसकी रिकॉर्डिंग की जाती है |
अलग अलग तरह के साउंड बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है|
बैकग्राउंड-म्यूजिक-बैकग्राउंड म्यूजिक की बात करे तो उसका मुख्य उद्देश्य है
फिल्म में घटना के आधार पर म्यूजिकके मदद से इमोशन क्रिएट करना|
बैकग्राउंड म्यूजिक के लिए भी अलग से आर्टिस्ट होते हैं और अलग स्टूडियो होता है
जहाँ फिल्म के कहानी के हिसाब से और डायरेक्टर के
निर्देश से बैकग्राउंड म्यूजिक तैयार किया जाता है |
फिल्म में साउंड बहुत महत्पूर्ण चीज है कोई फिल्म आप साउंड को बंद कर
के देखे फिर आपको पता चल जयेगा की बिना साउंड के फिल्म कितनी बेकार दिखती है |
आप के अंदर जो तरह तरह के भाव उत्पन्न होते हैं उसमे म्यूजिक का बहुत
बड़ा योगदान है चाहे आप डरे या हसे या रोये म्यूजिक के वजह से ही ये संभव है |
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