AD film making process | AD films / TV Commercial कैसे बनता है

ad film making process

AD film making process

किसी भी प्रकार की फिल्म बनाने के लिए बेसिक तीन प्रक्रिया का इस्तेमाल करना होता
है | चाहे वो ad फिल्म हो या शॉर्ट-फिल्म हो या फिर फीचर फिल्म-निर्माण हो हर जगह
इन तीन बेसिक चरण का इस्तेमाल किया जाता है |

  1. प्री-प्रोडक्शन
  2. प्रोडक्शन
  3. पोस्ट- प्रोडक्शन

Pre-production in AD film making process

प्री-प्रोडक्शन फिल्म की सबसे पहली चरण होती है जिसके अंदर फिल्म निर्माण की
शुरूआती प्रक्रिया किया जाता है |
इस चरण के अंदर सबसे पहले स्क्रिप्ट राइटिंग किया जाता है और उसका स्क्रीनप्ले तैयार किया
जाता है फिर उसकी स्टोरीबोर्डिंग की जाती है |
फिल्म की शूटिंग से पहले की जो प्रक्रिया है वो सभी प्री-प्रोडक्शन प्रक्रिया के अंदर की जाती है |

AD film making process किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट और किसी कंपनी के सेवा के बारे
में विज्ञापन के लिए बनाया जाता है |

production in AD film making process

प्रोडक्शन चरण के आंदर फिल्म की शूट की जाती है | इस चरण में फिल्म के शूटिंग से रिलेटेड
लोग टीम के अंदर होते हैं | ad फिल्म डायरेक्टर, सिनेमेटोग्राफर , lighting artist अगर फिल्म
में कुछ vfx इस्तेमाल होगा तो vfx सुपरवाइजर लोग होते है जो फिल्म की शूटिंग को
पूरा करते हैं |

Ad Films डायरेक्टर

Ad Films डायरेक्टर फिल्म का निर्देशन करता है | फिल्म के स्टोरी के हिसाब से
फिम को शूट करवाना डायरेक्टर का काम होता है |

Cinematographer सिनेमेटोग्राफर

फिल्म जो शूट करता है उसे सिनेमेटोग्राफर बोलते हैं | फिल्म में क्या कैमरा एंगल होगा ,
फिल्म का शॉट कितने समय का होगा शॉट क्लोज़-अप होगा या Long Distance होगा ये
सिनेमेटोग्राफी कहलाता है |

vfx सुपरवाइजर

फिल्म में अगर कुछ विजुअल इफेक्ट्स का इस्तेमाल करना हो तो वहां पे vfx सुपरवाइजर
को शूटिंग डिपार्टमेंट में रखा जाता है |
vfx शॉट को शूट करने के लिए ग्रीन पर्दा का इस्तेमाल किया जाता है और अगर कैमरा मूवमेंट है
तो ग्रीन पर्दा के ऊपर ट्रैकिंग पॉइंट लगया जाता है | ये देख रेख करने के लिए vfx
सुपरवाइजर होता है |

किसी भी सीन में अगर CGI (कंप्यूटर जनरेटेड इमेजरी) का इस्तेमाल करना हो तो उस सीन को ग्रीन
परदा के ऊपर शूट किया जाता है |

post-production in AD film making process

पोस्ट प्रोडक्शन फिल्ममेकिंग की सबसे अंतिम चरण होती है इस चरण के अंदर फिल्म की
एडिटिंग की जाती है | फिल्म में बैकग्राउंड म्यूजिक जोड़ना अगर कुछ डायलॉग है तो उसको जोड़ना
और सभी शॉट को एक साथ एक sequance में जोड़ना फिल्म की कलर ग्रेडिंग करना ये सभी प्रक्रिया
फिल्म के पोस्ट प्रोडक्शन के अंदर संपन्न होती है |

फिल्म एडिटिंग करने के लिए फिल्म एडिटर होते हैं और साउंड एडिटिंग और मिक्सिंग करने
के लिए साउंड इफेक्ट्स आर्टिस्ट होते हैं |

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